Nitish कुमार 19 नवंबर को देंगे इस्तीफा, 20 नवंबर को गांधी मैदान में नए एनडीए सरकार का भव्य शपथ ग्रहण |
बिहार की राजनीति एक बार फिर बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री और जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार बुधवार, 19 नवंबर को इस्तीफा देने वाले हैं, जिससे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा। हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है, लेकिन एनडीए नेताओं के बयानों से साफ संकेत मिलता है कि नीतीश कुमार ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। कुछ नेताओं ने यह भी संकेत दिया है कि नई कैबिनेट में “कुछ चौंकाने वाले चेहरे” देखने को मिल सकते हैं। मौजूदा बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए उससे पहले ही 18वीं विधानसभा के गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसी क्रम में एनडीए ने गांधी मैदान, पटना में 20 नवंबर, गुरुवार सुबह 11 बजे शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया है। यह कार्यक्रम बेहद भव्य होने की उम्मीद है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्री और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने पहले हिंदुस्तान टाइम्स से कहा था कि एनडीए इस शपथ ग्रहण को अब तक का सबसे बड़ा समारोह बनाना चाहता है। सोमवार को नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात की और उन्हें कैबिनेट के फैसले—विधानसभा भंग करने की अनुशंसा—की जानकारी दी। जदयू के वरिष्ठ नेता विजय कुमार चौधरी ने पुष्टि की कि नीतीश कुमार 19 नवंबर को आधिकारिक रूप से अपना इस्तीफा सौंपेंगे, जिससे नई सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। बुधवार को अहम बैठकें, तय होंगे सीएम और डिप्टी सीएम के नाम मुख्यमंत्री पद और अन्य प्रमुख जिम्मेदारियों पर अंतिम मुहर बुधवार को लगने की उम्मीद है, जब बीजेपी और जदयू अपनी-अपनी विधायक दल की बैठकें करेंगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीतीश कुमार को बुधवार सुबह 11 बजे जदयू विधायक दल का नेता चुना जाएगा और दोपहर 3:30 बजे उन्हें एनडीए का नेता घोषित किया जा सकता है। इसके बाद वे राज्यपाल को इस्तीफा देंगे और सभी सहयोगी दलों के समर्थन पत्र सौंपेंगे। उपमुख्यमंत्री पद को लेकर भी चर्चा जारी है। पिछली सरकार में बीजेपी के दो डिप्टी सीएम थे—सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा—दोनों ही दोबारा विधायक चुने गए हैं। लेकिन जदयू की इच्छा है कि अगर स्पीकर का पद बीजेपी लेती है, तो केवल एक ही उपमुख्यमंत्री हो। एक बीजेपी नेता ने कहा कि अंतिम फैसला सामाजिक संतुलन—जाति और लैंगिक प्रतिनिधित्व—को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। नई कैबिनेट में होंगे ‘सरप्राइज एलिमेंट’, बड़े फेरबदल के संकेत एनडीए के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, नई कैबिनेट में कुछ नए और अप्रत्याशित चेहरे शामिल हो सकते हैं। उनका कहना है कि बड़ा जनादेश मिलने के बाद गठबंधन युवा और अनुभवी नेताओं का संतुलन बनाते हुए टीम तैयार करना चाहता है। गठबंधन में एक सूत्र ने बताया कि दलों के बीच प्रतिनिधित्व बनाए रखने के लिए “छह विधायकों पर एक मंत्री” का फार्मूला अपनाया जा सकता है। इसके अनुसार आरएलएम और एचएएम(से) को एक-एक मंत्री पद, एलजेपी(आरवी) को तीन पद मिलने की संभावना है। बाकी लगभग 30-31 पद बीजेपी और जदयू आपस में बांटेंगे। चूंकि विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, इसलिए संविधान अधिकतम 36 मंत्रियों की अनुमति देता है। गृह व शिक्षा मंत्रालय पर निगाहें, पोर्टफोलियो को लेकर जारी मंथन सूत्रों ने बताया कि पिछले कार्यकाल में जदयू के पास रहे गृह और शिक्षा विभाग को लेकर दोनों बड़ी पार्टियों—बीजेपी और जदयू—के बीच रस्साकशी चल रही है। इन प्रमुख मंत्रालयों पर फैसला भी बुधवार की बैठकों के बाद ही होगा। अगर नीतीश कुमार गुरुवार को शपथ लेते हैं, तो वह उनके दसवें कार्यकाल की शुरुआत होगी। 2005 से अब तक वे बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता बन चुके हैं और इस दौरान वे छह उपमुख्यमंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं—पांच बीजेपी से और एक राजद से। यह चौथा मौका होगा जब शपथ ग्रहण गांधी मैदान में होगा; 2020 में कोविड-19 के कारण इसे राजभवन में सीमित पैमाने पर आयोजित किया गया था। हाल के विधानसभा चुनावों में एनडीए ने शानदार जीत हासिल की, कुल 202 सीटें अपने नाम कर लीं। बीजेपी को 89, जदयू को 85, एलजेपी(आरवी) को 19, एचएएम(से) को 5 और आरएलएम को 4 सीटें मिलीं। महागठबंधन—राजद और कांग्रेस—को सिर्फ 35 सीटों पर संतोष करना पड़ा।
HINDI NEWS
Wahid Shaikh
11/19/20251 min read
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