MP Shashi Tharoor Ki पीएम मोदी की तारीफ से कांग्रेस में मची हलचल"|
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एक बार फिर पार्टी के भीतर हलचल मचा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रामनाथ गोयनका व्याख्यान की खुलकर सराहना करने पर कांग्रेस नेताओं ने उन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। थरूर ने मंगलवार को X पर पोस्ट कर पीएम मोदी के भाषण को आर्थिक दृष्टि और सांस्कृतिक आह्वान का मिश्रण बताया था। उनके मुताबिक, यह संबोधन देश को “प्रगति के लिए बेचैन” रहने की प्रेरणा देता है। थरूर ने लिखा कि वह तेज़ सर्दी और खांसी के बावजूद कार्यक्रम में उपस्थित होकर “खुश” थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारत को सिर्फ एक “उभरते बाज़ार” के बजाय दुनिया के सामने एक “उभरते मॉडल” के रूप में पेश किया और देश की आर्थिक मजबूती का उल्लेख किया। थरूर के अनुसार, मोदी ने इस धारणा को भी संबोधित किया कि वह हमेशा “इलेक्शन मोड” में रहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह वास्तव में “इमोशनल मोड” में रहते हैं, क्योंकि उनका लक्ष्य लोगों की समस्याओं को दूर करना है। भाषण का एक बड़ा हिस्सा मैकॉले की 200 साल पुरानी ‘गुलाम मानसिकता’ को खत्म करने पर केंद्रित था। पीएम मोदी ने भारतीय विरासत, भाषाओं और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों को पुनर्जीवित करने के लिए 10 साल का राष्ट्रीय अभियान चलाने का आह्वान किया। इसके साथ ही थरूर ने हल्का सा तंज भी जोड़ा कि काश प्रधानमंत्री यह भी बताते कि कैसे रमणाथ गोयनका ने अंग्रेज़ी भाषा का उपयोग भारतीय राष्ट्रवाद की आवाज़ उठाने में किया। थरूर की इस सराहना ने कांग्रेस के भीतर तीखी प्रतिक्रियाएँ जन्म दीं। वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने सवाल किया कि कोई कांग्रेस सांसद पार्टी की विचारधारा से अलग जाकर प्रधानमंत्री की नीतियों की क्यों प्रशंसा करेगा। ANI से बात करते हुए दीक्षित ने कहा कि थरूर “शायद देश के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते” यदि उन्हें प्रधानमंत्री की सोच इतनी पसंद आती है। दीक्षित ने तीखा प्रहार करते हुए पूछा, “अगर आपको लगता है कि आपके पार्टी के बाहर कोई देश के लिए ज़्यादा अच्छा कर रहा है, तो फिर आप उसी विचारधारा का अनुसरण क्यों नहीं करते? आप कांग्रेस में क्यों हैं? केवल इसलिए कि आप सांसद हैं? अगर आपको सच में लगता है कि भाजपा या पीएम मोदी की रणनीतियाँ कांग्रेस से बेहतर हैं, तो आपको इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए। अगर नहीं देते, तो यह पाखंड है।” कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी थरूर की पोस्ट पर असहमति जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के भाषण में उन्हें कोई “सराहनीय” बात नहीं दिखी और थरूर का उत्साह समझ से परे है। यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब थरूर की हाल ही में की गई एल.के. आडवाणी पर की गई पोस्ट से भी कांग्रेस असहज हो गई थी और पार्टी को उनसे दूरी बनानी पड़ी थी। थरूर का स्वतंत्र रुख अक्सर उन्हें कांग्रेस के भीतर अलग पहचान देता है—कभी प्रशंसा तो कभी नाराज़गी के साथ। जहां थरूर का कहना है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की अच्छी बात स्वीकार करना गलत नहीं, वहीं कांग्रेस नेताओं का मानना है कि इस तरह की सार्वजनिक तारीफ पार्टी की आधिकारिक लाइन को कमजोर करती है, खासकर संवेदनशील राजनीतिक माहौल में। फिलहाल थरूर ने पार्टी की आलोचनाओं का जवाब नहीं दिया है, लेकिन यह प्रकरण एक बार फिर कांग्रेस के भीतर उस बढ़ती असहजता को उजागर करता है, जो उन नेताओं को लेकर है जो अक्सर पार्टी की नीति से हटकर बयान देते हैं।
HINDI NEWS
Farheen Bano
11/20/20251 min read
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